Friday, November 1, 2019

एक बगल में चाँद होगा , एक बगल में रोटियां

एक बगल में चाँद होगा , एक बगल में रोटियां


एक बगल में चाँद होगा , एक बगल में रोटियां
एक बगल में नींद होगी , एक बगल में लोरियां
हम चाँद पे , रोटी की चादर , डाल कर सो जायेंगे
और नींद से कह देंगे लोरी कल सुनाने आयेंगे
एक बगल में खनखनाती सीपियाँ हो जायंगी
एक बगल में कुछ रुलाती सिसिकियाँ हो जाएँगी
हम सीपियों में भर के सारे तारे छु के आयेंगे
और सिसकियों को गुदगुदी कर कर के यूँ बहलाएँगे
अम्मा तेरी सिसकियों पे कोई रोने आएगा
कोई रोने आएगा
ग़म ना कर जो आयेगा वोह फिर कभी ना जायेगा
वोह फिर कभी ना जायेगा
याद रख पर कोई अनहोनी नहीं तू लाएगी
लाएगी तो फिर कहानी और कुछ हो जाएगी
होनी और अनहोनी की परवाह किसी है मेरी जान
हद से ज्यादा ये ही होगा हम यहीं मर जायेंगे
हम मौत को सपना बता कर , उठ खड़े होंगे यहीं
और होनी को ठेंगा दिखा कर खिल खिलाते जायेंगे