Saturday, November 23, 2013

पति-पत्नी का बिश्वास

 

पति-पत्नी का बिश्वास एक ऐसा कमजोर पहलू है जो अगर बांधे रखा जाए तो जन्म जन्मांतर तक रहता है,पर यही बिश्वास अगर कमजोर हो तो एक बहुत हलके से चोट से इसे तोडा जा सकता है. अपने प्रेम भरे बिश्वास के गांठ को इतनी मजबूती से बांधो की तूफान भरे झटके को भी यह एक बार नहीं बार-बार सह सके और लोगो को एक उदाहरण प्रस्तुत कर सके .

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ऐसा प्रेम करो जो बिश्वास कर सके , ऐसा बिश्वास रखो जो संबंधो में दरार सह सके !

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सांसो में तुम हो,दिल में भी तुम ,
मन में तुम हीं हो ,जिंदगी के राहों में भी तुम ,
तुम,तुम ,केवल तुम,बस तुम ,
नहीं मिटाना इस बिश्वास को ,
पकडे रहना इस आभास को

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Saturday, September 21, 2013

मेरी मोहब्बत को अपने दिल में ढूंढ लेना

मेरी मोहब्बत को अपने दिल में ढूंढ लेना,
और हां आटे को अच्छी तरह गूंध लेना।

मिल जाए अगर प्यार तो खोना नहीं,
प्याज काटते वक्त बिलकुल रोना नहीं।

मुझसे रूठ जाने का बहाना अच्छा है ,
थोड़ी देर और पकाओ आलू अभी कच्चा है।

मिलकर फिर खुशिओं को बाटना है,
टमाटर जरा बारीक ही काटना है।

लोग हमारी मोहब्बत से जल न जाएं
चावल टाइम पे देख लेना कहीं जल न जाएं

कैसी लगी गजल बता देता,
नमक कम लगे तो और मिला लेना.....

Monday, July 8, 2013

बोल ना हलके-हलके

बोल ना हलके-हलके

Music/Album : झूम बराबर झूम (2007)
Music By : शंकर, एहसान, लॉय
Lyrics By : गुलज़ार
Performed By : राहत फ़तेह अली खान, महालक्ष्मी अय्यर



धागे तोड़ लाओ चाँदनी से नूर के
घूंघट ही बना लो रोशनी से नूर के
शर्मा गयी तो आगोश में लो
साँसों से उलझी रहे मेरी सांसें
बोल ना हलके-हलके, बोल ना हलके-हलके,
होंठ से हलके-हलके, बोल ना हलके

आ नींद का सौदा करें, इक ख्वाब दें, इक ख्वाब लें
इक ख्वाब तो आँखों में है, इक चाँद के तकिये तलें
कितने दिनों से ये आसमान भी सोया नहीं है, इसको सुला दें
बोल ना...

उम्र लगी कहते हुए, दो लफ्ज़ थे इक बात थी
वो इक दिन सौ साल का, सौ साल की वो रात थी
कैसा लगे जो चुप-चाप दोनों, पल-पल में पूरी सदियाँ बिता दें
बोल ना...

Monday, July 1, 2013

!!! वह मुझसे बहुत नफ़रत करता है !!!

वह मुझसे बहुत नफ़रत करता है
जाने सही करता है या ग़लत करता है

वह मुझे नहीं चाहता, जानता हूँ मैं
दिल फिर भी उसकी हसरत करता है

उसने दिल तोड़ दिया है मेरा मगर
दिल है कि उसको मग़्फ़रत* करता है

वह चाहता है न देखूँ उसकी जानिब मैं
दिल बार-बार वही ज़ुर्रत करता है

Tuesday, May 28, 2013

जब मैं छोटा था

जब मैं छोटा था, शायद दुनिया बहुत बड़ी हुआ करती थी..
मुझे याद है मेरे घर से “स्कूल” तक का वो रास्ता, क्या क्या नहीं था
वहां, चाट के ठेले, जलेबी की दुकान, बर्फ के गोले, सब कुछ,

अब वहां “मोबाइल शॉप”, “विडियो पार्लर” हैं, फिर भी सब सूना है..
शायद अब दुनिया सिमट रही है…
 
जब मैं छोटा था, शायद शामे बहुत लम्बी हुआ करती थी.
मैं हाथ में पतंग की डोर पकडे, घंटो उडा करता था, वो लम्बी “साइकिल रेस”,
वो बचपन के खेल, वो हर शाम थक के चूर हो जाना,

अब शाम नहीं होती, दिन ढलता है और सीधे रात हो जाती है.
शायद वक्त सिमट रहा है..


जब मैं छोटा था, शायद दोस्ती बहुत गहरी हुआ करती थी,
दिन भर वो हुज़ोम बनाकर खेलना, वो दोस्तों के घर का खाना, वो लड़कियों की
बातें, वो साथ रोना, अब भी मेरे कई दोस्त हैं,

पर दोस्ती जाने कहाँ है, जब भी “ट्रेफिक सिग्नल” पे मिलते हैं “हाई” करते
हैं, और अपने अपने रास्ते चल देते हैं,

होली, दिवाली, जन्मदिन , नए साल पर बस SMS आ जाते हैं
शायद अब रिश्ते बदल रहें हैं..


जब मैं छोटा था, तब खेल भी अजीब हुआ करते थे,
छुपन छुपाई, लंगडी टांग, पोषम पा, कट थे केक, टिप्पी टीपी टाप.
अब इन्टरनेट, ऑफिस, हिल्म्स, से फुर्सत ही नहीं मिलती..

शायद ज़िन्दगी बदल रही है.


जिंदगी का सबसे बड़ा सच यही है.. जो अक्सर कबरिस्तान के बाहर बोर्ड पर लिखा होता है.
“मंजिल तो यही थी, बस जिंदगी गुज़र गयी मेरी यहाँ आते आते “

जिंदगी का लम्हा बहुत छोटा सा है.
कल की कोई बुनियाद नहीं है
और आने वाला कल सिर्फ सपने मैं ही हैं.
अब बच गए इस पल मैं..
तमन्नाओ से भरे इस जिंदगी मैं हम सिर्फ भाग रहे हैं..
इस जिंदगी को जियो न की काटो


Monday, May 27, 2013

रातभर जाग कर रोना चाहो जो कभी ,अपने चेहरे को दोस्तों से छिपा कर रखना ।

अपने दिल को पत्थर का बना कर रखना ,
हर चोट के निशान को सजा कर रखना ।

उड़ना हवा में खुल कर लेकिन ,
अपने कदमों को ज़मी से मिला कर रखना ।

छाव में माना सुकून मिलता है बहुत ,
फिर भी धूप में खुद को जला कर रखना ।

उम्रभर साथ तो रिश्ते नहीं रहते हैं ,
यादों में हर किसी को जिन्दा रखना ।

वक्त के साथ चलते-चलते , खो ना जाना ,
खुद को दुनिया से छिपा कर रखना ।

रातभर जाग कर रोना चाहो जो कभी ,
अपने चेहरे को दोस्तों से छिपा कर रखना ।

तुफानो को कब तक रोक सकोगे तुम ,
कश्ती और मांझी का याद पता रखना ।

हर कहीं जिन्दगी एक सी ही होती हैं ,
अपने ज़ख्मों को अपनो को बता कर रखना ।

मन्दिरो में ही मिलते हो भगवान जरुरी नहीं ,
हर किसी से रिश्ता बना कर रखना ।

मरना जीना बस में कहाँ है अपने ,
हर पल में जिन्दगी का लुफ्त उठाये रखना ।

दर्द कभी आखरी नहीं होता ,
अपनी आँखों में अश्को को बचा कर रखना ।

सूरज तो रोज ही आता है मगर ,
अपने दिलो में ' दीप ' को जला कर रखना

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Sunday, May 12, 2013

मैँ "माँ" हु.... (मातृ दिवस)

जिस लडके को नौ महीने पेट मेँ रखा वो,
 

शादी के बाद
 

नौ महीने बाद बहु को लेकर अलग हो गया, मैँ चुप रही: कुछ नही बोली क्योँकिँ मैँ "माँ" हु.
उसका नौँवे दिन फोन आया, पुत्रवधु को अच्छी जोब मिली है. 

मैँने पुछा तूम्हारा खाना ?
उसने कहा " टिफिन मँगवाते है,
मैँ सहम गई मैँ चुप रही: कुछ नही बोली क्योँकिँ मैँ "माँ" हु.
नवरात्री मेँ लडके का फोन आया पुत्रवधु प्रगनेन्ट है आप देखभाल करोगी ना ?
मैने हा कही.


मैँ चुप रही: कुछ नही बोली क्योँकिँ मैँ "माँ" हु.
पुत्रवधु ने पुत्र जन्मा , प्रपोत्र का चेहरा देख कर मैँ रो पडी,
पुत्र ने पुछा माँ यह खुशी के आँसु है ?

मैँ चुप रही: कुछ नही बोली क्योँकिँ मैँ "माँ" हु.
 

बेटे ने पुछा , माँ तुम तुम्हारे घर हमारे बेटे
का बेबी सिटिँग करोगी ना ?
मैँ यह सुनकर हँसी. मैँ चुप रही: कुछ नही बोली क्योँकिँ मैँ "माँ" हु.
बाद मेँ....


प्रपोत्र ने एक दिन पुछा "
दादी जी दादी जी आप हम सेँ अलग क्यु हो ?
यह सुनकर मैँ रो पडी लेकिन हा
मैँ चुप रही: कुछ नही बोली क्योँकिँ मैँ "माँ" हु..-

Saturday, March 30, 2013

Aapki Nazron Ne Samjha

Aapki Nazron Ne Samjha, Pyaar Ke Kabil Mujhe 
Dil Ki Ai Dhadkan Thaher Ja, Mil Gayee Manzil Mujhe 
Aapki Nazron Ne Samjha 



Ji Hamen Manzoor Hai, Aapka Ye Faisla 
Kah Rahi Hai Har Nazar, Banda Paravar Shukriya 
Do Jahaan Ki Aaj Khushiyan Ho Gayee Haasil Mujhe 
Aapki Nazron Ne Samjha ... 

Aapki Manzil Hoon Main Meri Manzil Aap Hain 
Kyon Main Toofaan Se Darun Mere Saahil Aap Hain 
Koi Tufanon Se Kah De, Mil Gaya Sahil Mujhe 
Aapki Nazron Ne Samjha ... 


Pad Gai Dil Par Meri, Aapki Parchhaiyan 
Har Taraf Bajane Lagin Saikadon Shahnaaiyaan 
Hanske Apni Zindagi Mein, Kar Liya Shaamil Mujhe 
Aapki Nazron Ne Samjha ...

Movie: Anpadh (1962)
Music: Madan Mohan 
Singer: Lata Mangeshkar

Monday, March 18, 2013

Shayri


“उनसे कहना की क़िस्मत पे ईतना नाज ना करे ,
हमने बारिश मैं भी जलते हुए मकान देखें हैं…… !!!!!

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ले दे के अपने पास फ़कत एक नजर तो है,
कयुं देखे जिंदगी को किसी की नजर से हम..

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वक़्त नूर को बेनूर बना देता है, छोटे से जख्म को नासूर बना देता है,
कौन चाहता है अपनों से दूर रहना पर वक़्त सबको मजबूर बना देता है.

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डर मुझे भी लगा फांसला देख कर,
पर मैं बढ़ता गया रास्ता देख कर.
खुद ब खुद मेरे नज़दीक आती गई,
मेरी मंज़िल मेरा हौंसला देख कर…..!!

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“जिसे पूजा था हमने वो खुदा तो न बन सका,
हम ईबादत करते करते फकीर हो गए…!!!

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वो एक रात जला……. तो उसे चिराग कह दिया !!!
हम बरसो से जल रहे है ! कोई तो खिताब दो .!!!

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जलते हुए दिल को और मत जलाना,
रोती हुई आँखों को और मत रुलाना,
आपकी जुदाई में हम पहले से मर चुके है,
मरे हुए इंसान को और मत मारना.

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जरा सी चोट से शीशे की तरह टूट गया ,
दिल तो कमबख्त मेरा मुझसे भी बुजदिल निकला ………

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मुझसा ही आलसी मेरा खुदा है !
ना मै कुछ मांगता हूँ, ना वो कुछ देता है !! ”

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ऐ बुरे वक़्त ””’
जरा तेज चल ।।।
देख उस मोड़ को ””’
वहा से तू बदलने वाला हे।

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रिश्तोँ की हकीकत कोई क्या समझेगा
दिलोँ की जरूरत को कोई क्या समझेगा
मेरे दोस्त की मुस्कुराहट ही तो मेरी जिंदगी है
इस मुस्कुराहट की कीमत कोई क्या समझेगा.

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“मेरे बारे मे कोइ राय मत बनाना गालिब.
मेरा वक्त भी बदलेगा.. तेरी राय भी.”…!!!

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सोचते है, अब हम भी सीख ले यारों बेरुखी करना,,,,,,
सबको मोहब्बत देते-देते, हमने अपनी कदर खो दी है,,,,,,!

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सीख ली जिसने अदा गम में मुस्कुराने की,
उसे क्या मिटायेंगी गर्दिशे जमाने की…..

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शायद कोई तराश कर किस्मत संवार दे !
यही सोच कर मैं उम्र भर पत्थर बना रहा !!

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किसी के ऐब को तू बेनकाब ना कर,
खुदा हिसाब करेगा तू खुद हिसाब ना कर,
बुरी नज़र से ना देख मुझ को देखने वाले,
मैं लाख बुरा सही तू अपनी नज़र खराब ना कर…..

********
ये भी अच्छा हुआ कि,
कुदरत ने रंगीन नही रखे ये आँसू .
वरना जिसके दामन में गिरते,
वो भी … बदनाम हो जाता …

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आज लाखो रुपये बेकार है
वो एक रुपये के सामने
जो माँ स्कूल जाते वक्त देती थी.

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आंसुओसे पलके भीगा लेता हूँ याद तेरी आती है तो रो लेता हूँ
सोचा की भुलादु तुझे मगर, हर बार फ़ैसला बदल देता हूँ!

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मैं मर भी जाऊ, तो उसे ख़बर भी ना होने देना ….
मशरूफ़ सा शख्स है, कही उसका वक़्त बर्बाद ना हो जाये …

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एक ही शख्स था मेरे मतलब का दोस्तों
वो शख्स भी मतलबी निकला……!!!”

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झुठ बोलकर तो मैं भी दरिया पार कर जाता,
मगर डूबो दिया मुझे सच बोलने की आदत ने…”

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तुझे हर बात पे मेरी जरूरत पड़ती ,
काश मैं भी कोई झूठ होता ………”

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उठाना खुद ही पडता है थका टूटा बदन अपना
कि जब तक सांस चलती है कोई कंधा नहीं देता

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ऐ मेरा जनाज़ा उठाने वालो, देखना कोई बेवफा पास न हो.
अगर हो तो उस से कहना, आज तो खुशी का मौका है, उदास न हो.

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अंधेरे मे रास्ता बनाना मुश्किल होता है,
तूफान मे दीपक जलना मुश्किल होता है,
दोस्ती करना गुनाह नही,
इसे आखिरी सांस तक निभाना मुश्किल होता है.

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पत्थर की दुनिया जज्बात नहीं समझती ;
दिल में क्या है वो बात नहीं समझती ;
तन्हा तो चाँद भी सितारों के बीच में है ;
पर चाँद का दर्द वो रात नहीं समझती।

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“दोस्तों की कमी को पहचानते हैं हम,
दुनिया के गमो को भी जानते हैं हम,
आप जैसे दोस्तों का सहारा है,
तभी तो आज भी हँसकर जीना जानते हैं हम.”

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जिंदगी एक आइना है, यहाँ पर हर कुछ छुपाना पड़ता है|
दिल में हो लाख गम फिर भी महफ़िल में मुस्कुराना पड़ता है |

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राज ना आयेगा मुजपर अब कोई भी सितम तेरा,
ईतना बिखर गया हू कि दरिंदगी भी तेरी शमँसार हो जाये.

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जिंदगी आ बैठ, ज़रा बात तो सुन,
मुहब्बत कर बैठा हूँ, कोई मशवरा तो दे।

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तुम मुझे कभी दिल, कभी आंखों से पुकारो,
ये होठों का तकल्लुफ़ तो ज़मानें के लिये है…!!!

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मेरी सब कोशिशें नाकाम थी उनको मनाने कि,
कहाँ सीखीं है ज़ालिम ने अदाएं रूठ जाने कि..

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चीखें भी यहाँ गौर से सुनता नहीं कोई;
अरे,
किस शहर में तुम शेर सुनाने चले आये!…….

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यूँ ही वो दे रहा है क़त्ल कि धमकियाँ..,
हम कौन सा ज़िंदा हैं जो मर जाएंगे..

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“वो छोटी छोटी उड़ानों पे गुरुर नहीं करता
जो परिंदा अपने लिये आसमान ढूँढ़ता है !!”

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तेरे ही अक्स को तेरा दुश्मन बना दिया
आईने ने मज़ाक़ में सौतन बना दिया….

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कम नहीं मेरी जिंदगी के लिए, चैन मिल जाये दो घडी के लिए,
ऐ दिलदार कौन है तेरा क्यों तड़पता है यू किसी के लिए.

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ये इश्क भी एक अजीब एहसास होता है…
अल्ज़फों से ज्यादा निगाहोसे बया होता है…
हर पल बस उसके गम और खुशी की फ़िक्र होती है…
इसी एहसास से तो हमको जीने का गुमान होता है…

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उगता हुआ सूरज दुआ दे आपको
खिलता हुआ फूल खुशबू दे आपको
हम तो कुछ भी देने के बाबिल नहीं,
देनेवाला हज़ार खुशिया दे आपको!

********
कोई दीवाना कहता है, कोई पागल समझता है ,
मगर धरती की बेचैनी को बस बादल समझता है
मैं तुझसे दूर कैसा हूँ , तू मुझसे दूर कैसी है
ये तेरा दिल समझता है, या मेरा दिल समझता है

********
आँखों से आँखों का मेल जब होता है,
दिल में एक चाहत सी जाग उठती है,
रात को सपनो में उसका चेहरा होता है,
ज़िन्दगी भी खूबसूरत अफसाना लगती ह

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सादगी किसी श्रृंगार से कम नहीं होती ,
चिंगारी किसी अंगार से कम नहीं होती!
ये तो अपनी अपनी सोच का फर्क है बरना ,
दोस्ती किसी प्यार से कम नहीं होती.

********
उसकी यादों को किसी कोने में छुपा नहीं सकता,
उसके चेहरे की मुस्कान कभी भुला नहीं सकता,
मेरा बस चलता तो उसकी हर याद को भूल जाता,
लेकिन इस टूटे दिल को मैं समझा नहीं सकता

********
लोग कहते हैं की इतनी दोस्ती मत करो
के दोस्त दिल पर सवार हो जाए
में कहता हूँ दोस्ती इतनी करो के
दुश्मन को भी तुम से प्यार हो जाए….

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सच्चाई को अपनाना आसान नहीं
दुनिया भर से झगड़ा करना पड़ता है
जब सारे के सारे ही बेपर्दा हों
ऐसे में खु़द पर्दा करना पड़ता है

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किसी को इश्क़ की अच्छाई ने मार डाला,
किसी को इश्क़ की गहराई ने मार डाला,
करके इश्क़ कोई ना बच सका,
जो बच गया उससे तन्हाई ने मार डाला

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तू चाँद और मैं सितारा होता,
आसमान में एक आशियाना हमारा होता,
लोग तुम्हे दूर से देखते,
नज़दीक़ से देखने का हक़ बस हमारा होता..

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और क्या चीज़ कुर्बान करू आप पर,
दील जिगर आपका जींदगी आपकी.

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नदी जब किनारा छोड़ देती है
राह की चट्टान तक तोड़ देती है
बात छोटी सी अगर चुभ जाते है दिल में
ज़िन्दगी के रास्तों को मोड़ देती है

********
अपनी सांसों में महकता पाया है तुझे, हर खवाब मे बुलाया है तुझे,
क्यू न करे याद तुझ को, जब खुदा ने हमारे लिए बनाया है तुझे.

********
हम वो नहीं जो दिल तोड़ देंगे,
थाम कर हाथ साथ छोड़ देंगे,
हम दोस्ती करते हैं पानी और मछली की तरह,
जुदा करना चाहे कोई तो हम दम तोड़ देंगे …

********
तूने देखा है कभी एक नज़र शाम के बाद
कितने चुपचाप से लगते हैं शज़र शाम के बाद
तू है सूरज तुझे मालूम कहाँ रात का दुख
तू किसी रोज़ मेरे घर में उतर शाम के बाद

********
मौसम को मौसम की बहारों ने लूटा,
हमे कश्ती ने नहीं किनारों ने लूटा,
आप तो डर गये मेरी एक ही कसम से,
आपकी कसम देकर हमें तो हज़ारों ने लूटा….

*******
नीम का पेड़ था बरसात थी और झूला था
गाँव में गुज़रा ज़माना भी ग़ज़ल जैसा था

********
दुनिया तेरी रौनक़ से मैं अब ऊब रहा हूँ
तू चाँद मुझे कहती थी मैं डूब रहा हूँ

********
चुपके चुपके पहले वो ज़िन्दगी में आते हैं,
मीठी मीठी बातों से दिल में उतर जाते है,
बच के रहना इन हुसन वालों से यारो,
इन की आग में कई आशिक जल जाते हैं

********
मुझे नींद की इजाज़त भी उसकी यादों से लेनी पड़ती है,
जो खुद तो सो जाता है, मुझे करवटों में छोड़ कर!

*******
लाख हों हम में प्यार की बातें
ये लड़ाई हमेशा चलती है.
उसके इक दोस्त से मैं जलता हूँ
मेरी इक दोस्त से वो जलती है

********
मैँ कैसा हूँ’ ये कोई नहीँ जानता,
मै कैसा नहीँ हूँ’
ये तो शहर का हर शख्स बता सकता है…

********
ज़िन्दगी में इक मुकाम आया तो था
भूले से सही तेरा सलाम आया तो था
न जानें तुझे खबर है, है की नहीं
मेरे अफ़साने में तेरा नाम आया तो था

********
“जाने कब-कब किस-किस ने कैसे-कैसे तरसाया मुझे,
तन्हाईयों की बात न पूछो महफ़िलों ने भी बहुत रुलाया मुझे”

********
मुस्कराते रहो तो दुनिया आप के कदमों मे होगी
वरना आसुओ को तो आखे भी जगह नही देती

*******
घर के बाहर भले ही दिमाग ले जाओ.. क्योंकि दुनियाँ एक ‘बाजार’ है,
.
.
लेकिन घर के अंदर सिर्फ दिल ले जाओ…क्योंकि वहाँ एक ‘परिवार’ है !!!!

*******
में पिए रहु या न पिए रहु,लड़खड़ाकर ही चलता हु ,
क्योकि तेरी गली कि हवा ही मुझे शराब लगती हे

*******
बड़ी तब्दीलियां लाया हूँ अपने आप में लेकिन,
बस तुमको याद करने की वो आदत अब भी है।।

********
कुछ ऐब का होना भी ठीक ही है मालिक….
सुना है आप अच्छे लोगो को जल्दी बुला लेते हो….

********
हमसे ना कट सकेगा अंधेरो का ये सफर…
अब शाम हो रही हे मेरा हाथ थाम लो…. !!!

********
“कोई तेरे साथ नहीं है तो गम ना कर,
खुद से बढ़कर कोई दुनिया में हमसफ़र नहीं होता !!”

********
तेरी वफाओं का समन्दर किसी और के लिए होगा,
हम तो तेरे साहिल से रोज प्यासे ही गुजर जाते हैं !!

********
नजर में बदलाव है उनकी, हमने देखा है आजकल !
एक अदना सा आदमी भी , आँख दिखा जाता है !!

********
पूछता हे जब कोई की। दुनिया मै मोहब्बत है कहा ।।
मुस्कुरा देता हु मै ओर याद आ जाती है माँ

********
कोई आँखों में बात कर लेता है,
कोई आँखों आँखों में मुलाकात कर लेता है.
मुश्किल होता है जवाब देना…
जब कोई खामोश रह करभी सवाल कर लेता है!

********
हमें तो प्यार के दो लफ्ज ही नसीब नहीं,
और बदनाम ऐसे जैसे इश्क के बादशाह थे हम..

********
तुझे तो मोहब्बत भी तेरी ऒकात से ज्यादा की थी …..
अब तो बात नफरत की है , सोच तेरा क्या होगा…. .

*********
वो कहने लगी, नकाब में भी पहचान लेते हो हजारों के बीच ?
में ने मुस्करा के कहा, तेरी आँखों से ही शुरू हुआ था “इश्क”, हज़ारों के बीच.”

*******

शौक से तोड़ो दिल मेरा मैं क्यों परवाह करूँ…..!
तुम ही रहते हो इसमें अपना ही घर उजाड़ोगे….!

*******
ये मुकरने का अंदाज़ मुझे भी सीखा दो
वादे नीभा-नीभा के थक गया हूँ मैं…

*********
न जाने क्या कशिश है …
उनकी मदहोश आँखों में
नज़र अंदाज़ जितना करो
नज़र उन्हीं पे ही पड़ती है …

********
तन्हाई के लम्हे अब तेरी यादों का पता पूछते हैं…
तुझे भूलने की बात करूँ तो… ये तेरी खता पूछते हैं…!!

********
आज उसे एहसास मेरी मोहब्बत का हुआ
शहर में जब चर्चा….मेरी शोहरत का हुआ,
नाम नहीं लेती…..मुझे अब जान कहती है
देखो कितना असर उसपर दौलत का हुआ…

********
घेर लेने को मुझे जब भी बलाएँ आ गईं
ढाल बन कर सामने माँ की दुआएँ आ गईं

*******
अजब मुकाम पे ठहरा हुआ है काफिला जिंदगी का,
सुकून ढूंढने चले थे, नींद ही गंवा बैठे”…..!!!

********
हमें भुलाकर सोना तो तेरी आदत ही बन गई है, अय सनम;
किसी दिन हम सो गए तो तुझे नींद से नफ़रत हो जायेगी।

********
क्यों पहनती हो चूड़ी, क्यों पहनती हो कंगना,
सजने का ही शोक है तो फिर बना लो न सजना |

********
पहले हाथ से लिखा प्रेम पत्र देते थे,
अब touchscreen फ़ोन पर टाइप करके भेज देते हैं…..
इश्क़ में ये दुनिया फिर से अँगूठा-छाप
हो गयी”

********
जिंदगी हमारी यूं सितम हो गई
खुशी ना जानें कहां दफन हो गई

*********
लिखी खुदा ने मुहब्बत सबकी तकदीर में
हमारी बारी आई तो स्याही खत्म हो गई

********
ये ना पूछ कितनी शिकायतें हैं तुझसे ऐ ज़िन्दगी,
सिर्फ इतना बता की तेरा कोई और सितम बाक़ी तो नहीं.

********
कभी हक़ीक़त में भी बढ़ाया करो ताल्लुक़ हमसे….
अब ख़्वाबों की मुलाक़ातों से तसल्ली नहीं होती….”

********
“उम्र भर चलते रहे …मगर कंधो पे आये कब्र तक,
बस कुछ कदम के वास्ते गैरों का अहसान हो गया……!!

********
ग़ज़ल लिखी हमने उनके होंठों को चूम कर,
वो ज़िद्द कर के बोले… ‘फिर से सुनाओ’…..!!”

********
मोहब्बत भी उस मोड़ पे पहुँच चुकी है,
कि अब उसको प्यार से भी मेसेज करो,
तो वो पूछती है कितनी पी है?………

**********
बुलंद हो होंसला तो मुठी में हर मुकाम हे,ll
मुश्किले और मुसीबते तो ज़िंदगी में आम हे,ll
ज़िंदा हो तो ताकत रखो बाज़ुओ में लहरो के खिलाफ तैरने कि ,
क्योकि लहरो के साथ बहना तो लाशो का काम हे.

********
जो लोग दिल के अच्छे होते है,..
दिमाग वाले अक्सर उनका जम कर फायदा उठाते है ।।

********
एक बार और देख के आज़ाद कर दे मुझे,
में आज भी तेरी पहली नज़र के कैद में हूँ…!!

********
शुक्रिया मोहब्बत तुने मुझे गम दिया,
वरना शिकायत थी ज़िन्दगी ने जो भी दिया कम दिया…!!

********
रुखसत हुए तेरी गली से हम आज कुछ इस कदर……..
लोगो के मुह पे राम नाम था….
और मेरे दिल में बस तेरा नाम था….

********
तेरे चेहरे पर अश्कों की लकीर बन गयी ,
जो न सोचा था तू वो तक़दीर बन गयी !!.

********
हमने तो फिराई थी रेतो पर उंगलिया ,
मुड़ कर देखा तो तुम्हारी “तस्वीर “बन गयी .!!

********
“बिकता है गम इश्क के बाज़ार में,
लाखों दर्द छुपे होते हैं एक छोटे से इंकार में,
हो जाओ अगर ज़माने से दुखी,
तो स्वागत है हमारी दोस्तीके दरबार में.”

********
क्या रखा है अपनी ज़िँदगी के इस अफ़साने मेँ..
कुछ गुज़र गई अपना बनाने मेँ, कुछ गुज़र गई अपनो को मनाने मेँ..

********
वो इस चाह में रहते है के हम उनको उनसे मांगे,
और हम इस गुरुर में रहते है के हम
अपनी ही चीज़ क्यूँ मांगे…………..

********
उधार के उजाले से चमकने वाले चाँद कि आँखों में चुभता हूँ
जुगनू हूँ थोडा लेकिन खुद का उजाला लेके घूमता हूँ

********
दुश्मन के सितम का खौफ नहीं हमको,
हम तो दोस्तों के रूठ जाने से डरते हैं…

********
“सुना है सब कुछ मिल जाता है ‘दुआ’ से , मिलते हो खुद ? या माँगु तुम्हें ‘खुदा’ से …..!!

********
एक फूल अजीब था,
कभी हमारे भी बहुत करीब था,
जब हम चाहने लगे उसे,
तो पता चला वो किसी दूसरे का नसीब था ।

********
उठाये जो हाथ उन्हें मांगने के लिए,
किस्मत ने कहा, अपनी औकात में रहो।

********
मुझे परिन्दा न समझो यारो ,
मै वो नही जो तूफ़ा में आशियाँ बदल ल
********
अफवाह थी कि मेरी तबियत खराब है,
लोगों ने पूछ पूछ कर बीमार कर दिया…

********
मेने तक़दीर पे यक़ीन करना छोड़ दिया है ___! जब इंसान बदल सकते है तो ये तकदीर क्यो नही __?

********
लोग पूछते हैं की तुम क्यूँ अपनी मोहब्बत का इज़हार नहीं करते,
हमने कहा जो लब्जों में बयां हो जाये
सिर्फ उतना हम किसी से प्यार नहीं करते…!!!

********
मज़हब, दौलत, ज़ात, घराना, सरहद, ग़ैरत, खुद्दारी,
एक मुहब्बत की चादर को, कितने चूहे कुतर गए…

********
जिसको गलत तस्वीर दिखाई, उसको ही बस खुश रख पाया..
जिसके सामने आईना रक्खा, हर शख्स वो मुझसे रूठ गया.

********
लोगों ने पूछा कि कौन है वोह
जो तेरी ये उदास हालत कर गया ??
मैंने मुस्कुरा के कहा उसका नाम
हर किसी के लबों पर अच्छा नहीं लगता …!

********
आंखे कितनी भी छोटी क्यु ना हो,
ताकत तो उसमे सारे आसमान देखने कि होती हॆ…

********
सुनी थी सिर्फ हमने ग़ज़लों में जुदाई की बातें ;
अब खुद पे बीती तो हक़ीक़त का अंदाज़ा हुआ !!

*******
टुकड़े पड़े थे राह में किसी हसीना की तस्वीर के…
लगता है कोई दीवाना आज समझदार हो गया है…!!!!

********
आपकी यादें भी हैं, मेरे बचपन के खिलौनो जैसी ..
तन्हा होते हैं तो इन्हें ले कर बैठ जाते हैं…!

********
किन लफ्ज़ो में बयां करूँ अपने दर्द को सुनने वाले तो बहुत है समझने वाला कोई नहीं

********
सफ़र के इतिहास कि बात न करो ऐ दोस्त बस मुझे अगला कदम रखने के लिए जमीन दो

*********
कौन कहता है मुझे ठेस का एहसास नहीं,
जिंदगी एक उदासी है जो तुम पास नहीं,
मांग कर मैं न पियूं तो यह मेरी खुद्दारी है,
इसका मतलब यह तो नहीं है कि मुझे प्यास नहीं.

*********
न मेरा एक होगा , न तेरा लाख होगा,
तारिफ तेरी ,न मेरा मजाक होगा,
गुरुर न कर शाह-ए-शरीर का,
मेरा भी खाक होगा , तेरा भी खाक होगा

*********
मुहब्बत आजमानी है, तो बस इतना ही काफी है जरा सा रूठ कर देखो, मनाने कोन आता है

*********
“ये वक़्त बेवक़्त मेरे ख्यालों
में आने की आदत छोड़ दो तुम,
कसूर तुम्हारा होता है और
लोग मुझे आवारा समझते हैं”

********
ज़िन्दगी सस्ती है
जीने के ढंग महँगे हैं

********
एक छुपी हुई पहचान रखता हूँ,
बाहर शांत हूँ, अंदर तूफान रखता हूँ,
रख के तराजू में अपने दोस्त की खुशियाँ,
दूसरे पलड़े में मैं अपनी जान रखता हूँ।

********
हर मुलाक़ात पर वक़्त का तकाज़ा हुआ ;
हर याद पे दिल का दर्द ताज़ा हुआ .!

*******
जिंदगी में हद से ज्यादा ख़ुशी और हद से ज्यादा गम का कभी किसी से इज़हार मत करना।
क्योंकि, ये दुनिया बड़ी ज़ालिम है।
हद से ज्यादा ख़ुशी पर ‘नज़र’ और हद से ज्यादा गम पर ‘नमक’ लगाती है।

********
खुदा पर भरोसे का हुनर सिख ले ऐ दोस्त सहारे जितने भी सच्चे हो साथ छोड़ ही जाते है

********
सूरज नहीं डूबा ज़रा सी शाम होने दो”
मैं खुद लौट जाउंगा मुझे नाकाम होने दो”
मुझे बदनाम करने का बहाना ढूँढ़ते हो क्यों
मैं खुद हो जाऊंगा बदनाम पहले नाम होने
दो..

********
जब तक ना लगे बेवफाई की ठोकर
हर कीसी को अपनी पसंद पे नाझ होता है।

*******
घृणा के घाव से जो लहू टपकता है उससे नफरत
ही पलती है
प्यार के घाव से जो दर्द मिलता है उससे भी राहत मिलती है .

********
हकीकत को हादसे का नाम लेकर खुद को तो संभाल लिया हमने
पर दिल को ख्वाबो से निजात देना इतना भी आसन नहीं है जहामे …

**********
ज़िंदा हो तो ताकत रखो बाज़ुओ में लहरो से लड़ने की,
क्योकि लहरो के साथ बहना तो लाशो का काम है .

**********
गुज़र जायेगी ज़िन्दगी उसके बगैर भी,
वो हसरत-ए-ज़िन्दगी है ….
शर्त-ए-ज़िन्दगी तो नहीं……!!

**********
याददाश्त की दवा बताने में सारी दुनिया लगी है !!!…
तुमसे बन सके तो तुम हमें भूलने की दवा बता दो…!!!

*********
कुछ तो शराफ़त सीख ले, ए इश्क़, शराब से..;
बोतल पे लिखा तो है,मैं जान लेवा हूँ..!!

********
“उनसे क़ह दे कोई जाकर कि हमारी सजा कुछ कम कर दे,
हम पैशे से मुजरिम नहीं हैं बस गलती से इश्क हुआ है।…”

*********
चिराग कोई जलाओ की हो वजूद का एहसास,
इन अँधेरों में मेरा साया भी छोड़ गया मुझको !!!

********
उसके नर्म हाथों से फिसल जाती है चीज़ें अक्सर ….,
मेरा दिल भी लगा है उनके हाथो , खुदा खैर करे …

*********
आरज़ू होनी चाहिए किसी को याद करने की…
लम्हें तो अपने आप ही मिल जाते हैं….

**********
मेरी इबादतों को ऐसे कर कबूल ऐ मेरे खुदा,
के सजदे में मैं झुकूं तो मुझसे जुड़े हर रिश्ते की जिंदगी संवर जाए..!!

********
अब तुझे न सोचू तो, जिस्म टूटने-सा लगता है..
एक वक़्त गुजरा है तेरे नाम का नशा करते~करते !

********
“ना छेड किस्सा-ए-उल्फत, बडी लम्बी कहानी है,
मैं ज़माने से नहीं हारा, किसी की बात मानी है,,,,,,।।

********
रोज तारीख बदलती है,
रोज दिन बदलते हैं…
रोज अपनी उमर भी बदलती है…
रोज समय भी बदलता है…
हमारे नजरिये भी वक्त के साथ बदलते हैं…
बस एक ही चीज है जो नहीं बदलती…
और वो हैं हम खुद और बस ईसी वजह से
हमें लगता है कि अब जमाना बदल गया है!!

********
“शाम खाली है जाम खाली है,ज़िन्दगी यूँ गुज़रने वाली है,
सब लूट लिया तुमने जानेजाँ मेरा,मैने तन्हाई मगर बचा ली है”

********
आग सूरज मैँ होती हैँ जलना जमीन को पडता हैँ,
मोहब्बत निगाहेँ करती हैँ तडपना दिल को पडता हैँ.

********
शायरी इक शरारत भरी शाम है,
हर सुख़न इक छलकता हुआ जाम है,
जब ये प्याले ग़ज़ल के पिए तो लगा मयक़दा तो बिना बात बदनाम है….

********
दोस्ती उन से करो जो निभाना जानते हो,
नफ़रत उन से करो जो भूलना जानते हो,
ग़ुस्सा उन से करो जो मानना जानता हो,
प्यार उनसे करो जो दिल लुटाना जानता हो.

*********
गुलाब की खुशबू भी फीकी लगती है,
कौन सी खूशबू मुझमें बसा गई हो तुम,
जिंदगी है क्या तेरी चाहत के सिवा,
ये कैसा ख्वाब आंखों में दिखा गई हो तुम.

**********
जाम पे जाम पीने से क्या फायदा दोस्तों,
रात को पी हुयी शराब सुबह उतर जाएगी,
अरे पीना है तो दो बूंद बेवफा के पी के देख, सारी उमर नशे में गुज़र जाएगी…..

*********
हुसन पे जब मस्ती छाती है, शायरी पर बहार आती है,
पी के मेहबूब की बदन की शराब, जिन्दगी झूम-झूम जाती है.

*********
दिल की किताब में गुलाब उनका था,
रात की नींद में ख्वाब उनका था,
कितना प्यार करते हो जब हमने पूछा,
मर जायंगे तुम्हारे बिना ये जबाब उनका था.

*********
आंखे है उनकी या है शराब का मेहखना,
देख कर जिनको हो गया हूँ मै दीवाना,
होठ है उनके या है कोई रसीला जाम,
जिनके एहसास की तम्मना मे बीती है मेरी हर शाम.

********
लबो पे आज उनका नाम आ गया,
प्यासे के हाथ में जैसे जाम आ गया,
डोले कदम तो गिरा उनकी बाहों में जाकर,
आज हमारा पीना ही हमारे काम आ गया.

*********
कभी रो के मुस्कुराए , कभी मुस्कुरा के रोए,
जब भी तेरी याद आई तुझे भुला के रोए,
एक तेरा ही तो नाम था जिसे हज़ार बार लिखा,
जितना लिख के खुश हुए उस से ज़यादा मिटा के रोए..

*********
सदियों बाद उस अजनबी से मुलाक़ात हुई, आँखों ही आँखों में चाहत की हर बात हुई,
जाते हुए उसने देखा मुझे चाहत भरी निगाहों से, मेरी भी आँखों से आंसुओं की बरसात हुई.

*******
देख के हमको वो सर झुकाते हैं,
बुला कर महफ़िल में नजरें चुराते हैं,
नफरत हैं तो कह देते हमसे,
गैरों से मिलकर क्यों दिल जलाते हैं..

********
तरक्की की फसल, हम भी काट लेते..!
थोड़े से तलवे, अगर हम भी चाट लेते..!!

*********
किसी साहिल पे जाऊं एक ही आवाज़ आती ह,ै
तुझे रुकना जहाँ है वो किनारा और है कोई!

*********
नींद को आज भी शिकवा है मेरी आँखों से।
मैंने आने न दिया उसको तेरी याद से पहले।

********
जो खानदानी रईस हैं वो, रखते हैं मिजाज़ नर्म अपना..
तुम्हारा लहजा बता रहा है तुम्हारी दौलत नई नई है…

********
शुक्रिया मोहब्बत तुने मुझे गम दिया,
वरना शिकायत थी ज़िन्दगी ने जो भी दिया कम दिया…!!

*********
जब हुई थी मोहब्बत तो लगा किसी अच्छे काम का है सिला।
खबर न थी के गुनाहों कि सजा ऐसे भी मिलती है।

********
क्या खूब मेरे क़त्ल का तरीका तूने इजाद किया..
मर जाऊं हिचकियों से, इस कदर तूने याद किया…..!!

********
कल रात मैंने अपने सारे ग़म कमरे की दीवारों पे लिख डाले ,
बस हम सोते रहे और दीवारें रोती रहीं …

*********
रहे सलामत जिंदगी उनकी, जो मेरी खुशी की फरियाद करते है.
ऐ खुदा उनकी जिंदगी खुशियों से भरदे, जो मुझे याद करने में अपना एक पल बर्बाद करते है…..!!

********
सिर्फ खुशबू रही ,गुलाब नहीं |
तेरी यादों का भी जवाब नहीं ||

********
“संग ए मरमर से तराशा खुदा ने तेरे बदन को,
बाकी जो पत्थर बचा उससे तेरा दिल बना दिया .

********
क्या हुआ अगर जिंदगी में हम तन्हा है ???
लेकिन इतनी अहमियत तो दोस्तो में बना ही ली है कि…मेला लग जायेगा उस दिन शमशान में,
जिस दिन मैँ चला जाँऊगा आसमान में !!

********
मोहब्बत की राहों में सिर्फ गम ही गम नहीं है,
हर प्यारकरनेवाले की आँखे नम नहीं है,
प्यार तो सिर्फ नाम से बदनाम है,
वरना प्यार में मिलनेवाली खुशिया भी कुछ कम नहीं है

*******
जब भी देखा मेरे कीरदार पे धब्बा कोई
देर तक बैठ के तन्हाई में रोया कोई

**********
नज़रों को नज़रों की कमी नही होती,
फूलों को बहारों की कमी नही होती,
फीर क्यू हमे याद करोंगे आप, आप तो आसमान हो और आसमान को सीतारों की कमी नही होती.

********
नब्ज़ मेरी देखी और… बीमार लिख दिया,
रोग मेरा उसने… दोस्तों का प्यार लिख दिया,
क़र्ज़दार रहेंगे उम्र भर हम उस हकीम के,
जिसने दवा में दोस्तों का साथ लिख दिया !!!

********
जिसे मौका मिलता है पीता जरुर है,
दोस्त,
जाने क्या मिठास है गरीब के खून में ..!!

********
ले रहे थे मोहब्बत के बाज़ार में इश्क की चादर…
लोगो ने आवाज़ दी कफन भी ले लो…

********
कितने मसरूफ़ हैं हम जिंदगी की कशमकश में…
इबादत भी जल्दी में करते हैं फिर से गुनाह करने के लिए…

********
इश्क करने चला है तो कुछ अदब भी सीख लेना, ए दोस्त
इसमें हँसते साथ है पर रोना अकेले ही पड़ता है.

********
जब आपका नाम ज़ुबान पर आता है, पता नही दील क्यों मुस्कुराता है,
तसल्ली होती है हमारे दील को,की चलो कोई तो है अपना, जो हर वक़्त याद आता है.

********
बैठ जाता हूं मिट्टी पे अक्सर…
क्योंकि मुझे अपनी औकात अच्छी लगती है….

********
थक गया हूँ मै, खुद को साबित करते करते, दोस्तों..
मेरे तरीके गलत हो सकते हैं, लेकिन इरादे नहीं…!!!

********
दिल के सागर मे लहरे उठाया ना करो,
ख्वाब बनकर नींद चुराया ना करो,
बहुत चोट लगती है मेरे दिल को,
तुम ख्वाबो में आ कर यू तडपाया ना करो….

*********
कैसे मुमकिन था किसी दाक्तर से इलाज करना
अरे दोस्त…. इश्क का रोग था…
मम्मी के चप्पल से ही आराम आया….

********
समुन्दर से कह दो, अपनी लहरों को समेट के रखे,
ज़िन्दगी में तूफान लाने के लिए, घरवाली ही काफी है….!!

********
तलाश है इक ऐसे शक्स की , जो आँखो मे उस वक्त दर्द देख ले,
जब दुनियाँ हमसे कहती है, क्या यार तुम हमेशा हँसते ही रहते हो..

*********
मज़बूरियाँ थी उनकी…और जुदा हम हुए
तब भी कहते है वो….कि बेवफ़ा हम हुए…..

********
छोड़ दो किसी से वफ़ा की आस,
ए दोस्त
जो रुला सकता है, वो भुला भी सकता है.!

*******
मुझे रिश्तो की लम्बी कतारो से मतलब नही,
ए – दोस्त
कोई दिल से हो मेरा तो बस इक शक्स ही काफी है….

********
तेरे डिब्बे की वो दो रोटियाँ…कहीं बिकती नहीं..
माँ, महंगे होटलों में आज भी.. भूख मिटती नहीं….

********
ये भी एक तमाशा है बाज़ार-ए-उलफत मेँ गालिब…॥
दिल किसी का होता है और बस किसी का चलता है…॥

********
तुम दूर हो मगर यह एहसास होता है,
कोई है जो हर पल दिल के पास होता है,
याद तो सबकी आती है,
मगर तुम्हारी याद का अंदाज़ बहुत ख़ास होता है

********
तेरे हुस्न को परदे की ज़रुरत ही क्या है,,
कौन होश में रहता है तुझे देखने के बाद…

*******
जिन्दगी की उलझनों ने; कम कर दी हमारी शरारते;
और लोग समझते हैं कि; हम समझदार हो गये…..!!

********
इतना जलाने के बाद भी, वो ज़ालिम धुआं ढूंढते हे ,
“निकलते हे आंसू कहाँ से इतने”?,पूछकर, कुआं ढूंढते हे…

*********
गम इस कदर मिला कि घबराकर पी गए हम,
खुशी थोड़ी सी मिली, उसे खुश होकर पी गए हम,
यूं तो ना थे हम पीने के आदी, शराब को तन्हा देखा, तो तरस खाकर पी गए हम..

*******
जाने कभी गुलाब लगती हे जाने कभी शबाब लगती हे
तेरी आखें ही हमें बहारों का ख्बाब लगती हैं..
मैं पिए रहुं या न पिए रहुं, लड़खड़ाकर ही चलता हु..
क्योकि तेरी गली कि हवा ही मुझे शराब लगती हैं….

********
तू मुझे ओर मैं तुझे इल्ज़ाम देते हैं मगर,
अपने अंदर झाँकता तू भी नही, मैं भी नही… !!

********
ख़ुशी मेरी तलाश में दिन रात यूँ ही भटकती रही….
कभी उसे मेरा घर ना मिला कभी उसे हम घर ना मिले….!!

********
क्यूँ शर्मिंदा करते हो रोज, हाल हमारा पूँछ कर ,
हाल हमारा वही है जो तुमने बना रखा है…

*******
सोचा था की ख़ुदा के सिवा मुझे कोई बर्बाद कर नही सकता…
फिर उनकी मोहब्बत ने मेरे सारे वहम तोड़ दिए…….

********
खुदा का शुक्र है कि उसने ख्वाब बना दिये वर्ना
तुझसे मिलने कि तमन्ना कभी पूरी नहीं होती

********
मयखाने बंद कर दे चाहे
लाख दुनिया वाले ,,,
लेकिन!!!!!
शहर में कम नही है,
निगाहों से पिलाने वाले !!!…

*******
यही सोच के रुक जाता हूँ मैं आते-आते,
फरेब बहुत है यहाँ चाहने वालों की महफ़िल में।

********
सब कुछ मिला सुकून की दौलत ना मिली,
एक तुझको भूल जाने की मोहलत ना मिली,
करने को बहुत काम थे अपने लिए,
मगर हमको तेरे ख्याल से फुर्सत ना मिली..

********
ख़याल आया तो आपका आया,
आँखे बंद की तो ख्वाब आपका आया,
सोचा कि याद क रलूँ खुदा को पल दो पल,
पर होंठ खुले तो नाम आपका आया.

********
कभी वादे भी तोड़ लिया करो तुम,
जरा रूठने का तज़ुर्बा हासिल हो जाए..

********
तुम से बिछड के फर्क बस इतना हुआ..
तेरा गया कुछ नहीँ
और मेरा रहा कुछ नहीँ..

*********
हमारी तडप तो कुछ भी नहीं है हुजुर..
सुना है कि आपके दिदार के लिए तो आइना भी तरसता है…

********
आये हो जो आँखों में कुछ देर ठहर जाओ,
एक उम्र गुजरती है एक ख्वाब सजाने में !!!

********
वो जो कहता___तुम न मिले तो मर जाएंगे हम…
वो आज भी जिन्दा है,,,ये बात किसी और से कहने के लिए…

********
सुना हे, वोह जब मायुश होते हे, हमे बहोत याद करते हे
अये खुदा, अब तुहि बता, उसकी खुशी की दुआ करु या मायुशि कि!!!

********
रंगो की बात न करो दोस्तो….!
मैने लोगो को रंग बदलते देखा है !!..

*******
किसी ने आँख भी खोली तो सोने की नगरी में,
किसी को घर बनाने में ज़माने बीत जाते हैं।

********
जमाने के लिए आज होली है …..
मुझे तो तेरी यादे रोज रंग देती है..!!

********
जिंदगी जब किसी दो राह पर आती हैं
एक अजीब सी कशमकश में पड जाती हैं
चुनते हैं हम किसी एक राह को
पर दुसरी राह जिंदगी भर याद आती हैं

*********
पहले मैं होशियार था, इसलिए दुनिया बदलने चला था।
आज मैं समझदार हूँ, इसलिए खुद को बदल रहा हूँ

********
युं खामखा न करो रंगों को मुजपे बरबाद दोस्तो…
हम तो पहले से ही रंगे हुऐ है इश्कमें…..

*******
थक सा गया हूँ , खुद को सही साबित करते करते ,
खुदा गलत हो सकता है , मगर मेरी मुहब्बत नहीं ………..

*********
यादों में तुम, ख्वाबों में तुम
आँखों में तुम, दिल में तुम
याद करें भी तो कैसे करें दोस्त तुझको
जिसे भुला ना पायें वो ही शक्स हो तुम…..

*******
खुदा ने कहा दोस्ती न कर, दोस्तो की भीड मेँ तू खो जाएगा
मैने कहा
कभी जमीन पर आकर मेरे दोस्तो से तो मिल, तू भी उपर जाना भूल जाएगा.

*******
हंसने के बाद क्यों रुलाती है दुनियां,
जाने के बाद क्यों भुला देती है ये दुनियां,
जिंदगी में क्या कोई कसर बाकी थी,
जो मरने के बाद भी जला देती है ये दुनियां.

********
खूबियाँ इतनी तो नही हम मे, कि तुम्हे कभी याद आएँगे,
पर इतना तो ऐतबार है हमे खुद पर, आप हमे कभी भूल नही पाएँगे..

*******
हर् स्कूल में लिखा होता है,असूल तोडना मना है …..!!
हर बाग में लिखा होता है ,फूल तोडना मना है ..!!
हर खेल मैं लिखा होता है ,रूल तोडना मना है ..!!
.
.
काश ..!!
.
.
मोहब्बत और दोस्ती मैं भी लिखा होता की ..,
किसी का दिल तोडना मना है ..!

********
वो बार बार पूछती है कि क्या है मौहब्बत ??
अब क्या बताऊं उसे कि उसका पूछना और मेरा न बता पाना ही मौहब्बत है !

*********
क़यामत टूट पड़ती है ज़रा से होंठ हिलने पर,
जाने क्या हस्र होगा जब वो खुलकर मुस्कुरायेंगे!!!!!

********
हथियार तो सिर्फ शौक के लिए रखा करते है,
वरना किसी के मन में खौंफ पेदा करने के लिए तो बस नाम ही काफी हे.

*******
आंखे भी संभाल कर बंद करना ऐ दोस्तो,
पलको के बीच भी, सपने तुट जाया करते है…!

********
दो लब्ज लीखने का सलीका ना था,
उसके प्यार ने मुजे शायर बना दीया…!

********
कैसे करूं मुकदमा उस पर उसकी बेवफाई का…
कमबख्त ये दिल भी उसी का वकील निकला…!!

*********
ये जुदाई मुझे प्यारी है..की इसमे एहसास तुम्हारा है
ये वक्त अकेले रह कर भी..तेरे संग गुज़ारा है !

********
जब लगा था तीर तब इतना दर्द न हुआ..
ज़ख्म का एहसास तब हुआ जब कमान देखी अपनों के हाथ में…!!

********
जिंदगी कटेगी चैन से, कोई मुरिद ना रखें,
हा, अपने आंसुओ का कोई चस्मदीद ना रखें…

********
मै झुकता हूँ हमेशा आँसमा बन के …
जानता हूँ कि ज़मीन को उठने की आदत नही…….

********
हमें अंधेरों ने इस कदर घेरा कि
उजालों की पहचान ही खो गयी,
तक़दीर ने हमें इस कदर मारा कि
अपनों की पहचान ही खो गयी,
कोशिशों का हमनें कभी दामन न छोड़ा
पर लगता है हमारी किस्मत ही सो गयी..

*********
घड़ा सर पर रख कर पानी बड़ी दूर से लाती है,
माँ की होली तो रोज होती है,वो रोज भीग जाती है।

********
सूरज ढला तो कद से ऊँचे हो गए साये……
सूरज ढला तो कद से ऊँचे हो गए साये……
कभी इन्ही परछाईयो को पैरों से रौंदते हम गए



from :
http://crthakrar.wordpress.com/2014/03/18/shayri-part-7/

Thursday, March 14, 2013

दिल तो दिल है दिल की बातें

दिल तो दिल है दिल की बातें समझ सको तो बेहतर है

दुनिया की इस भीड़ में ख़ुद को अलग रखो तो बेहतर है


मोड़ हज़ारों मिलेगें तुमको , कई मिलेगें चौराहे

मंज़िल तक पहुँचाने वाली राह चुनो तो बेहतर है
 

क़दम क़दम पर यहाँ सभी को बस ठोकर ही मिलती है

थाम के मेरा हाथ अगर तुम संभल सको तो बेहतर है
 

ख़ामोशी भी एक सदा है अकसर बातें करती है

तुम भी इसको तनहाई में कभी सुनो तो बेहतर है
 

जाने कैसा ज़हर घुला है इन रंगीन फ़िज़ाओं में

प्यार की ख़ुशबू से ये मंज़र बदल सको तो बेहतर है

Monday, January 7, 2013

कोंन है सूरज कोंन है साया
मै भी सोचु तू भी सोच
किस ने पहले हाथ चुराया
मै भी सोचु तू भी सोच

जिस के खातिर साहिल साहिल सेपिया चुनते चुनते बीत गई
क्यूँ वो मोती हाथ न आया
मै भी सोचु तू भी सोच

किस को कितना नाम मिला
किस को कितना इलज़ाम मिला
किस ने किस का वकत गंवाया
मै भी सोचु तू भी सोच

किस ने कितनी अस बंधी
किस ने कटनी जान चुराई
किस ने कितना साथ नेभाया
मै भी सोचु तू भी सोच

हम जो तालुक क बारे माँ सोचने पैर मज्बोर है
जीवन माँ यह दिन क्यूँ आया
मै भी सोचु तू भी सोच

तुने अपनी बटन केर केर मुज को तो बदनाम किया
मानी क्यूँ न कस्सी को दिल का हाल सुनाया
मै भी सोचु तू भी सोच

कूल डूड होते क्या हैं ?

कूल डूड होते क्या हैं ?
कूल डूड वही हैं जिनको देशी भाषा में "घोंचू" कहते हैं
खास पहचान कूल्होँ से सरकती हुई पैँट ।
बेतरतीब बढ़े हुए बाल ।
कईँ बार इनके बाल ऐसे दिखते है जैसे जोर का बिजली का झटका खा कर आए हों ।
इनके काम होते हैं
लड़कियों के पीछे भागना।
इनकी औकात ही इतनी है कि ये अपनी गर्लफ्रेंड से तो जूत0भी खा लेते है और माँ की हर बात का जवाब
बदतमीजी से देते है ।
लानत है इन पर ।
गुलाम (इंडिया) की सोच के Cool Dude
लोगों की पहचान या लक्षण इस प्रकार होते है ::
1. इनकी प्रोफाइल पिक्चर पर पश्चिमी सभ्यता साफ झलकती है।
2. कवर फोटो पर किस करते हुए कपल की फोटो होगी जैसे
इनकी परंपरा रही हो।
3. ये देशहित से जुडी पोस्ट को नज़रअंदाज़ करते हैं
क्योंकि ये लोग इंडियन है भारतीय नहीं। देश की सोचना इनके बस की बात नहीं। इन लोगों को ये पता नहीं कि इंडिया आज भी गुलाम है
आजादी तो भारत
को मिली थी इंडिया को नहीं।
4. इनको राजनीति से बहुत नफरत है पर ये नहीं जानते
राजनीति से भगवान राम कृष्ण भी नहीं बच सके।
राजनीति पर ही देश का भविष्य टिका होता है। पहले
के
जमाने में राजा होते थे वो राजनीति थी आज
नेता होते है
ये राजनीति है।
5. इन्हें अश्लीलता और बॉलीवुड बहुत पसंद होता है।
6. इन्हें हिन्दी और अपनी मातृभाषा बोलने में शर्म
आती है। ये लोग Hi, LoL, What's up, Dude,
या India Is Love, Please Chatting आदि इस तरह से
बात करते हुए पाये जाते हैं।
7. ये लोग किसी को परेशान करने या यूँ कहे
तो धरती पर
बोझ बनकर पैदा होते है। ये लोग अपनी प्रोफाइल में कुछ
अच्छी राष्ट्रहित की पोस्ट कभी नहीं कर सकते।
इनकी प्रोफाइल केवल मित्र जोड़ने तक ही सिमीत
होती है या कई घटिया अश्लीलता वाला पेज लाईक
करने
तक इन लोगों को देश व धर्म से कोई लेना देना नहीं...
क्योंकि इन लोगों की आत्मा ही मर चुकी होती हे ये
लोग
केवल लाश बनकर जिंदा रहते हैं।
8. ये लोग किसी भी लड़की की प्रोफाइल
होगी वहाँ पर ज्यादा मित्र लिस्ट करेंगे फिर विदेशी डे,मदर डे,फादर
डे, कुत्ता डे, सूअर डे ये डे वो डे पर गुलाब के फूल मैसेज करेंगे और
अँग्रेजीमें लिखेगें I LOVE YOU सामने वाली प्रोफाइल
में भले ही इन लोगों के बाप के माँ की आयु
वाली जनाना हो क्योंकि पैदाइस
बिमारी अंग्रेज़ों ने छोड़ दी थी वो इन लोगों में देखने को मिलती है।
9. इस तरह के लोग सुबह NAMSKAR से शर्म महसूस
करेंगे बल्कि GOOD MORNING कहेंगे शाम को GOOD
EVENING कहेंगे।
10. ये लोग विदेशी डे आते है तो ज्यादा ही उत्सुकता से मनाते हैं लेकिन इन लोगों ने कभी अपने माँ बाप
की दिल से सेवा नहीं की है, ये लोग गौशाला में नहीं जाएँगे। ये लोग 5
रूपये गौदान नहीं करेंगे लेकिन रोज डे या कुत्ता डे पर 50 रूपये के नकली फूल जरूर लेंगे।
ऐसे नक्कारा युवाओं से देश क्या उम्मीद कर सकता है, इस
सब के पीछे अश्लील फिल्मे और
मीडिया द्वारा परोसी जा रही अश्लीलता जिम्मेदार
है और इन लोगों को यही पता नहीं India और Bharat में
धरती आसमान जैसा अंतर है। हम भारत माता कह सकते है
क्या ये गूलामी सोच वाले India माता कहेंगे
तो कैसा लगेगा ?? भारत माता ठीक है या India
माता ??
और हमारा मकसद होना चाहिए की इस तरह के
लोगों को देश के प्रति प्रेरित करे...
इन्हीं लोगों को भारत की पहचान दें... इन्हें संस्कार दे
धर्म का ज्ञान दें ताकि ये लोग आने
वाली पीढ़ियों को बर्बादी की और ना जाने दे....
पश्चिमी सभ्यता मैं कुछ भी नहीं पश्चिम में जाकर
तो सूरज
भी अस्त हो जाता... उदय हमेशा पूर्व में ही होता है।
ऐसे नक्कारा युवाओ से देश क्या उम्मीद कर सकता है
इस सब के पीछे अश्लील फिल्मे और
मीडिया द्वारा परोसी जा रही अश्लीलता जिम्मेदार
है .
॥ इंडियन नहीं भारतीय बनो ॥

Saturday, January 5, 2013

I Love Being Myself



अगर नफरत ही थी तो इजहार क्यूँ किया
देना था ज़हर तो प्यार
क्यूँ किया
वो देकर ज़हर हमें कहते - इसे पीना होगा
और जब हमने ख़ुशी - ख़ुशी पी लिया तो कहते है
अब जीना होगा !!


ये आसमान के चाँद तारे आज भी मुझसे पूछते है की
क्या तुम्हे यकीन उसके लौट आने का
तो मैं मुस्कुरा कर कहता हूँ
मुझे अब भी यकीन नहीं है उसके चले जाने का

बहते अश्को की ज़ुबान नही होती, 

लफ़्ज़ों मे मोहब्बत बयां नही होती,
मिले जो प्यार तो कदर करना,
किस्मत हर कीसी पर मेहरबां नही होती