Tuesday, February 27, 2024

प्यार कर लो प्रिय

 प्यार की शरण में जाओगी तो तर जाओगी,

जाओगी नहीं तो आयु बार पछताओगी,

पछताओगी जो किया अपमान रूप का ,

पछताओगी जो किया अपमान रूप रंग का,

रूप रंग यौवन दोबारा नहीं पाओगे,

युगों की है जानी अंजनी पल भर की ,

अंजनी जग की कहानी पल भर की,

रूप पल भर का जवान पल भर की

अपनी जवानी का सिंगार कर लो  प्रिय

एक बार जीवन में  प्यार कर लो प्रिय


मुझे वह चिट्ठी लौटा दो

 वह भी दिन थे 

घर में जब-जब चिट्ठी कोई आती 

अनपढ़ दादी मनोहरी कर पोता से पढ़वाती 

अपने नाम नमस्ते पढ़कर काका खुश हो जाते 

वंदन चरण का पढ़कर ताई फूली नहीं समाती 

अपनी नहीं मिले तो चिट्ठी औरों की ही ला दो 


मुझे वह चिट्ठी लौटा दो 

पांच पूत भारत माता के

पांच पूत भारत माता के, दुश्मन था खूंखार

गोली खाकर एक मर गया, बाकी रह गए चार |

चार पूत भारत माता के, चारों चतुर प्रवीन,

देश निकाला मिला एक को, बाकी रह गए तीन |

तीन पुत्र भारत माता के, लड़ने लग गए वो,

अलग हो गया इधर एक, अब बाकी रह गए दो |

दो बेटे भारत माता के, छोड़ पुरानी टेक,

चिपक गया है इक गद्दी से, बाकी रह गया एक |

एक पुत्र भारत माता का, कंधे पर है झंडा,

पुलिस पकड़ के जेल ले गई, बाकी रह गया अंडा |


बाबा नागार्जुन