Sunday, October 21, 2012

कल याद बहुत तुम आये थे कल याद बहुत तुम आये थे


कल हल्की हल्की बारिश थी, कल सर्द हवा का रक्स भी था
कल फूल भी निखरे निखरे थे, कल उनमें आपका अक्स भी था
कल बादल गहरे काले थे, कल चाँद पे लाखों पहरे थे
कुछ टुकड़े आपकी यादों के, बड़ी देर से दिल में ठहरे थे
कल यादें उलझी उलझी थी, और कल तक ये न सुलझी थीं
कल याद बहुत तुम आये थे, कल याद बहुत तुम आये थे

Thursday, October 11, 2012

दोस्ती जब किसी से की जाए, दुश्मनों की भी राय ली जाए

दोस्ती जब किसी से की जाए 

दोस्ती जब किसी से की जाए दुश्मनों की भी राय ली जाए
मौत का ज़हर है फिजाओ में अब कहा जाके साँस ली जाए
बस इसी सोच में हूँ डूबा हुआ ये नदी कैसे पर की जाए
मेरे माजी के ज़ख्म भरने लगे आज फ़िर कोई भूल की जाए
बोतले खोल के तो पी बरसो आज दिल खोल के पी जाए