कल हल्की हल्की बारिश थी, कल सर्द हवा का रक्स भी था
कल फूल भी निखरे निखरे थे, कल उनमें आपका अक्स भी था
कल बादल गहरे काले थे, कल चाँद पे लाखों पहरे थे
कुछ टुकड़े आपकी यादों के, बड़ी देर से दिल में ठहरे थे
कल यादें उलझी उलझी थी, और कल तक ये न सुलझी थीं
कल याद बहुत तुम आये थे, कल याद बहुत तुम आये थे