मोहब्बत का गम होता बहुत है,
के अब ये लफ्ज भी रूसवा बहुत है,
उदासी का सबब मैं
क्या बताऊं,
गली-कूचो में सन्नाटा बहुत है,
ना मिलने की कसम खा के भी मैंने,
तुझे हर राह मैंने ढूंढा बहुत है,
ये आंखें क्या
देखें किसी को,
इन आंखों ने तुझे देखा बहुत है,
ना जाने क्यूं बचा
रखें हैं आंसू,
शायद मुझे रोना बहुत है,
तुझे मालूम तो
होगा मेरे हमदम,
तुझे एक शख्स से चाहा बहुत है।
Haan sach hai pyaar har kisi ko nahi milta, isse khone ka gaam bohut hai.......
ReplyDeleteKaash laut aaye woh ek baar,toh keh pate hum bhi "तुझे मालूम तो होगा मेरे हमदम,
तुझे एक शख्स से चाहा बहुत है।"
..ना जाने क्यूं बचा रखें हैं आंसू,
शायद मुझे रोना बहुत है....
Karzdar hu main tumhari,lauta na sake aapka yeh pyar....
shidad se ki hai aapne yeh mohabbat,hai yeh wada, phir janam lenge isse nibhane ke liye........bhul na jana hame !!!!
love....