Sunday, May 12, 2013

मैँ "माँ" हु.... (मातृ दिवस)

जिस लडके को नौ महीने पेट मेँ रखा वो,
 

शादी के बाद
 

नौ महीने बाद बहु को लेकर अलग हो गया, मैँ चुप रही: कुछ नही बोली क्योँकिँ मैँ "माँ" हु.
उसका नौँवे दिन फोन आया, पुत्रवधु को अच्छी जोब मिली है. 

मैँने पुछा तूम्हारा खाना ?
उसने कहा " टिफिन मँगवाते है,
मैँ सहम गई मैँ चुप रही: कुछ नही बोली क्योँकिँ मैँ "माँ" हु.
नवरात्री मेँ लडके का फोन आया पुत्रवधु प्रगनेन्ट है आप देखभाल करोगी ना ?
मैने हा कही.


मैँ चुप रही: कुछ नही बोली क्योँकिँ मैँ "माँ" हु.
पुत्रवधु ने पुत्र जन्मा , प्रपोत्र का चेहरा देख कर मैँ रो पडी,
पुत्र ने पुछा माँ यह खुशी के आँसु है ?

मैँ चुप रही: कुछ नही बोली क्योँकिँ मैँ "माँ" हु.
 

बेटे ने पुछा , माँ तुम तुम्हारे घर हमारे बेटे
का बेबी सिटिँग करोगी ना ?
मैँ यह सुनकर हँसी. मैँ चुप रही: कुछ नही बोली क्योँकिँ मैँ "माँ" हु.
बाद मेँ....


प्रपोत्र ने एक दिन पुछा "
दादी जी दादी जी आप हम सेँ अलग क्यु हो ?
यह सुनकर मैँ रो पडी लेकिन हा
मैँ चुप रही: कुछ नही बोली क्योँकिँ मैँ "माँ" हु..-

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