पति-पत्नी का बिश्वास एक ऐसा कमजोर पहलू है जो अगर बांधे रखा जाए तो जन्म जन्मांतर
तक रहता है,पर यही बिश्वास अगर कमजोर हो तो एक बहुत हलके से चोट से इसे
तोडा जा सकता है. अपने प्रेम भरे बिश्वास के
गांठ को इतनी मजबूती से बांधो की तूफान भरे झटके को भी यह एक बार नहीं
बार-बार सह सके और लोगो को एक उदाहरण प्रस्तुत कर सके .
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ऐसा प्रेम करो जो बिश्वास कर सके , ऐसा बिश्वास रखो जो संबंधो में दरार सह सके !
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सांसो में तुम हो,दिल में भी तुम ,
मन में तुम हीं हो ,जिंदगी के राहों में भी तुम ,
तुम,तुम ,केवल तुम,बस तुम ,
नहीं मिटाना इस बिश्वास को ,
पकडे रहना इस आभास को
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