Tuesday, December 1, 2009

A simple, yet very expressive!


MOTHER IS GOD'S Best GIFT
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कुछ समय पहले माँ की मर्ज़ी के
बिना इस घर का पत्ता भी नहीं हिलता था, अक्सर
उनकी एक हाँ से कितनी बार हमारे जीवन में खुशियों का अम्बार लगा मगर धीरे
धीरे उनकी शक्तिया और उन शक्तियों का महत्व कम होते होते आज नगण्य हो गया !


अब अम्मा से उनकी जरूरतों के बारे में कोई नहीं पूछता, सब अपने अपने में
व्यस्त है, खुशियों के मौकों और पार्टी आयोजनों से भी अम्मा को खांसी खखार
के कारण दूर ही रखा जाता है !


बाहर डिनर पर न ले जाने का कारण भी हम सबको पता हैं..... कुछ खा तो पायेगी
नहीं अतः होटल में एक और प्लेट का भारी भरकम बिल क्यों दिया जाये, और फिर
घर पर भी तो कोई चाहिए ...


और परिवार के मॉल जाते समय, धीमे धीमे दरवाजा बंद करने आती माँ की आँखों में छलछलाये आंसू कोई नहीं देख पाता !


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